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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

शिव चालीसा भगवान भोलेशंकर को समर्पित है। इस शिव चालीसा का नियमित पाठ करने से महादेव आशीर्वाद प्रदान करते है और आपके जीवन में सुख-समृद्धि का संचार करते है।

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥

ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

सुर ब्रह्मादिक पार न पाय Shiv chaisa ॥ जो यह पाठ करे मन लाई ।

O Superb Lord, consort of Parvati You're most merciful. You mostly bless the inadequate and pious devotees. Your stunning kind is adorned Along with the moon in your forehead and on the ears are earrings of snakes’ Hood.

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

शिव आरती

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